छिपा हुआ खतरा: एनोरेक्सिया नर्वोसा ~ Healthvani

छिपा हुआ खतरा: एनोरेक्सिया नर्वोसा

एनोरेक्सिया नर्वोसा के कारण (Anorexia nervosa )





एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia nervosa) एक गंभीर खाने का विकार है जो ज्यादातर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को प्रभावित करता है, लेकिन यह पुरुषों और बच्चों को भी हो सकता है. एनोरेक्सिया से पीड़ित व्यक्ति अपने शरीर के वजन और आकार को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है. वह अपने आपको बहुत मोटा समझता है, भले ही वह अस्वस्थ रूप से कम वजन का हो. इस जुनून के कारण, वह खाना कम कर देता है या खाना छोड़ देता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.


एनोरेक्सिया नर्वोसा के सटीक कारणों को अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है. माना जाता है कि यह शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों के जटिल मिश्रण से उत्पन्न होता है. आइए इन कारकों को विस्तार से देखें:


जैविक कारक 


आनुवंशिकी : अध्ययनों से पता चलता है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा होने का खतरा आनुवंशिक रूप से जुड़ा हो सकता है. यदि परिवार में किसी को एनोरेक्सिया या अन्य खाने का विकार है, तो दूसरों को भी इसका खतरा बढ़ जाता है.


मस्तिष्क रसायन : मस्तिष्क के रासायनिक असंतुलन को भी एनोरेक्सिया में एक भूमिका माना जाता है. सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर भूख और मनोदशा को प्रभावित करते हैं. इन रसायनों के असंतुलन से भोजन के प्रति अरुचि और खाने के व्यवहार में बदलाव हो सकता है.


मनोवैज्ञानिक कारक 


पूर्णतावाद : कुछ लोगों का स्वभाव बहुत अधिक व्यवस्थित और पूर्णतावादी होता है. वे अपने शरीर और जीवन के हर पहलू पर नियंत्रण रखना चाहते हैं. भोजन को सीमित करना उनके लिए नियंत्रण पाने का एक तरीका बन सकता है.


निम्न आत्मसम्मान : कुछ लोगों का आत्मसम्मान कम होता है और वे खुद को मूल्यवान नहीं समझते. वे खाने को कम करके या खुद को भूखा रखकर अपने आपको दंडित करने का प्रयास करते हैं.


डर और चिंता : डर, चिंता और तनाव एनोरेक्सिया को ट्रिगर कर सकते हैं. भोजन को सीमित करना कुछ लोगों के लिए इन भावनाओं से बचने का एक तरीका बन जाता है.


अवसाद : अवसाद और एनोरेक्सिया नर्वोसा अक्सर एक दूसरे से जुड़े होते हैं. अवसाद भूख कम कर सकता है और खाने में रुचि कम कर सकता है. वहीं, एनोरेक्सिया भी अवसाद को जन्म दे सकता है.


सामाजिक कारक 


पतलेपन का बढ़ावा : आजकल मीडिया और समाज में पतलेपन को सौंदर्य का मानदंड माना जाता है. इससे युवाओं पर यह दबाव पड़ता है कि वे दुबले और पतले दिखें. यह दबाव एनोरेक्सिया को जन्म दे सकता है.


जीवन में बदलाव : जीवन में बड़े बदलाव, जैसे कि स्कूल बदलना, रिश्तों में टूट-फूट या परिवार में किसी की मृत्यु, एनोरेक्सिया को ट्रिगर कर सकते हैं. ये बदलाव तनाव और चिंता पैदा कर सकते हैं, जिससे खाने के व्यवहार में बदलाव आ सकता है.







एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित व्यक्ति की पहचान कैसे करें 


एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित व्यक्ति अक्सर अपने खाने की आदतों और वजन को लेकर झूठ बोलते हैं. लेकिन कुछ चेतावनी संकेत हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:


खाने से इनकार करना :

 भोजन के समय बहाने बनाना, बहुत कम मात्रा में खाना, या दूसरों के साथ खाना खाने से बचना.


अपने शरीर के आकार को लेकर जुनून:

 लगातार वजन करने की आदत, शीशे में बार-बार खुद को देखना, और इस बात पर जुनूनी होना कि वे मोटे हैं.


शरीर का वजन लगातार कम होना : 

अस्वस्थ तरीके से कम वजन होना एनोरेक्सिया का एक प्रमुख लक्षण है.


खाने के बारे में बात करने से बचना:

भोजन और कैलोरी की मात्रा के बारे में बातचीत से बचना.

खाने के बाद अपराध बोध महसूस करना.


अत्यधिक व्यायाम : 

वजन कम करने के जुनून में जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना.


शारीरिक समस्याएं:

थकान, कमजोरी, बालों का झड़ना, मासिक धर्म का रुक जाना (महिलाओं में), ठंड लगना, कब्ज आदि शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं.

यदि आपको लगता है कि आपका कोई परिचित या मित्र एनोरेक्सिया से पीड़ित है, तो उनकी मदद करना बहुत जरूरी है. उनका समर्थन करें, उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उन्हें पेशेवर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करें.






एनोरेक्सिया नर्वोसा का इलाज 


एनोरेक्सिया नर्वोसा का इलाज आमतौर पर एक टीम द्वारा किया जाता है, जिसमें डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक और पोषण विशेषज्ञ शामिल होते हैं. इलाज का मुख्य लक्ष्य स्वस्थ वजन हासिल करना, खाने के विकृत व्यवहार को बदलना और व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना है. इलाज में शामिल हो सकता है:


पुनर्वासन :

अस्पताल में भर्ती होकर वजन बढ़ाने और पोषण संबंधी देखभाल प्राप्त करना.

मनोवैज्ञानिक चिकित्सा : 

व्यक्तिगत या समूह चिकित्सा के माध्यम से खाने के विकृत विचारों और व्यवहारों को बदलना.

पोषण संबंधी परामर्श:

स्वस्थ भोजन योजना बनाने और खाने के सकारात्मक संबंध बनाने में मदद करना.

दवाइयां : 

कभी-कभी अवसाद या चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए दवाइयां दी जा सकती हैं.








एनोरेक्सिया नर्वोसा से बचाव 


नोरेक्सिया नर्वोसा को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ चीजें खतरे को कम कर सकती हैं:


स्वस्थ शरीर की छवि को बढ़ावा देना : 

सभी प्रकार के शरीरों को स्वीकार करना और सौंदर्य के मानकों को व्यापक बनाना जरूरी है.



तनाव प्रबंधन : 

स्वस्थ तनाव प्रबंधन तकनीक सीखना, जैसे कि व्यायाम, ध्यान और योग.



खुले संवाद :

 परिवार में खाने और शरीर की छवि के बारे में खुलकर बातचीत करने का माहौल बनाना.



समस्याओं का जल्दी समाधान : 

यदि किसी व्यक्ति को भावनात्मक परेशानी हो रही है या आत्मसम्मान कम है, तो जल्दी ही मदद लेना जरूरी है.






अंत में 


एनोरेक्सिया नर्वोसा एक गंभीर खाने का विकार है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है. यदि आप या आपका कोई जानने वाला एनोरेक्सिया से जूझ रहा है, तो मदद पाने में देर न करें. जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाता है, उतनी ही जल्दी स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है.



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